मोहब्बत का बेस्ट यूज

on Wednesday, April 8, 2009

मोहब्बत का बेस्ट यूज
सर्दी की एक सुबह
कोहरे में लिपटी हर जगह
मै अपने महबूब से मिला
मेरे हाथो में सुर्ख गुलाब था
महबूब को देने का ख्याल था
वो मिली जिसका इंतजार था
मै धड़कते दिल से कहा
ये गुलाब मेरी मोहब्बत है
उसने हंसकर लिया और
धीरे से कहा
मै इसका बेस्ट यूज करूंगी
उसके हाथो में गुलाब
खिल रहा था
अपनी रंगत को निखर रहा था
वो धीरे - धीरे गुलाब की
पंखुडिया तोड़ रही थी
हर पंखुडी को लबों
पर ले रही थी
मेरी मोहब्बत का सुर्ख गुलाब
बिखर रहा था
उसकी रंगत का हर इक कतरा
महबूब के गले से उतरकर
उसकी रगों में सुर्ख लहू
बनकर दौड़ रहा था
मेरी मोहब्बत का बेस्ट यूज
हो रहा था........

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