मोहब्बत का बेस्ट यूज
सर्दी की एक सुबह
कोहरे में लिपटी हर जगह
मै अपने महबूब से मिला
मेरे हाथो में सुर्ख गुलाब था
महबूब को देने का ख्याल था
वो मिली जिसका इंतजार था
मै धड़कते दिल से कहा
ये गुलाब मेरी मोहब्बत है
उसने हंसकर लिया और
धीरे से कहा
मै इसका बेस्ट यूज करूंगी
उसके हाथो में गुलाब
खिल रहा था
अपनी रंगत को निखर रहा था
वो धीरे - धीरे गुलाब की
पंखुडिया तोड़ रही थी
हर पंखुडी को लबों
पर ले रही थी
मेरी मोहब्बत का सुर्ख गुलाब
बिखर रहा था
उसकी रंगत का हर इक कतरा
महबूब के गले से उतरकर
उसकी रगों में सुर्ख लहू
बनकर दौड़ रहा था
मेरी मोहब्बत का बेस्ट यूज
हो रहा था........
0 comments:
Post a Comment